आखिर राखड़ से कब मिलेगी मुक्ति, जिम्मेदार विभाग कुम्भकर्णी नींद में, पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहा है बुरा असर..

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कोरबा(आधार स्तंभ) : पूरे जिले में चारों तरफ अवैध राखड़ डंपिंग से लोगों में त्राहिमाम मचा हुआ है। राहगीरों का सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा है भारी वाहनों के परिवहन से उड़ने वाले धुल राखड़ से सड़क ओझल हो जाता है जिससे कभी बड़ी दुर्घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

कोरबा जिला में जिस तरह से औद्योगिक उपक्रम से निकलने वाली राखड़ का अवैध और ओवर लोडिंग परिवहन के कारण राखड़ सड़क से लेकर गाँव के छोटे छोटे गलियों तक पहुँच चुका है जिससे पर्यावरण और लोगों का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। राखड़ की विकराल समस्या को देखते हुए कोरबा के सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता शिवचरण चौहान ने इसकी शिकायत प्रदेश के आला अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में किया गया था। जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय से शिकायत को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर कोरबा पत्र जारी कर जवाब मांगा गया। कलेक्टर कोरबा के द्वारा इस विषय पर नगर निगम आयुक्त कोरबा को पत्र लिखकर कार्यवाही करते हुए जवाब मांगा गया।  जिस पर नगर निगम कोरबा के आयुक्त ने कोरबा कलेक्टर को पत्र जारी करते हुए बता गया है की औद्योगिक उपक्रम के स्वछता निरीक्षकों द्वारा आश्वासन दिया गया है की नियमित रूप आवासीय, व्यवसायिक क्षेत्रों तथा सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जावेगा। उक्त पीएमओ की शिकायत को पृथक करने का प्रतिवेदित किया गया है अब देखने वाली बात है की वाकई में लोगों को अवैध राखड़ डंपिंग और परिवहन से होने वाली परेशानीयों से निजात मिल पायेगी? या अन्य पत्रों की तरह इस पत्र से जिम्मेदार अधिकारी ने अपना इतिश्री कर लिया है?

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