आधी रात व्यवसायी के चार पहिया को किया आग के हवाले, पुलिस की उदासीनता से लाखों का नुकसान

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कोरबा(आधार स्तंभ) : दर्री रोड स्थित अविनाश प्रिंटर्स एवं स्टेशनरी के संचालक हेमंत अग्रवाल की चार पहिया वाहन को कल मंगलवार धनतेरस की रात लगभग 1:30 बजे जला दिया गया। इस घटना से करीब ढाई घंटा पहले उक्त बदमाश युवक के संबंध में कोतवाली में जाकर सूचना दी गई थी लेकिन इसे हल्के में लिया गया और त्वरित कार्रवाई नहीं करने का खामियाजा व्यवसायी को लाखों का नुकसान उठाकर भुगतना पड़ा है।

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प्रारंभिक तौर पर जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक दर्री रोड में अविनाश प्रिंटर्स के सामने ओवर ब्रिज के नीचे गाड़ियां खड़ी थीं। यहां आसपास दुकान और मकान स्थित हैं। आए दिन शराबियों का यहां जमघट रात के वक्त लगता है और हो- हल्ला गाली-गलौच करते हुए हंगामा करते रहते हैं। ऐसे ही हंगामाई आदतन बदमाश के द्वारा कल रात करीब 10:30 से 11 बजे के मध्य एक कार में तोड़फोड़ की गई। उसकी हरकत पर जब हेमंत अग्रवाल व अन्य लोगों ने मना किया तो वह उनको ही धमकाने लग गया। इन्होंने थाना में सूचना देने की बात कही और थाना जाकर रात करीब 11 बजे कोतवाली में मौजूद ड्यूटी स्टाफ से घटनाक्रम के बारे में बताया लेकिन हाल-फिलहाल प्रदेश में हुए घटनाक्रम का हवाला देकर रात में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, सुबह आने के लिए कहा गया। इधर दूसरी ओर रात लगभग 1:30 बजे उक्त बदमाश युवक के द्वारा हेमंत अग्रवाल की कर में पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। इसके बाद वह अपने घर से टंगिया नुमा हथियार लेकर लहराते हुए नजर आया।

हेमंत अग्रवाल ने आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी जो लगभग 45 मिनट बाद पहुंची और तब तक कार स्वाहा हो चुकी थी। बगल में खड़ी कार भी आंशिक रूप से प्रभावित हुई है जिसके सहित अन्य वाहनों को हटाया गया,वरना वो भी चपेट में आ जाते।
बताया गया कि इस वारदात के बाद आज सुबह भी आरोपी काफी निडरता के साथ व्यवसायी की दुकान के सामने घूमता नजर आया। अब इस पूरे घटनाक्रम के लिए किस तरह की व्यवस्था और कौन जिम्मेदार है इस पर पुलिस कप्तान को संज्ञान लेना चाहिए। इस तरह की हरकत और घटनाक्रम को लेकर अमन पसंद व्यापारियों में नाराजगी के साथ जान-माल की सुरक्षा के प्रति भय भी देखा जा रहा है।

बढ़ रही नशा की प्रवृत्ति

यहां यह बताना प्रासंगिक है कि तरह-तरह का नशा करने वाले युवाओं की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाने वाले नशा के सामानों का खुले आम सेवन करने की प्रवृत्ति भी बढ़ने लगी है। नशा बेचने वालों के जाने-पहचाने अड्डे गुलजार हैं लेकिन ऐसे लोगों पर आबकारी विभाग की कार्रवाई तो बिल्कुल शून्य है, पुलिस के कई मुखबिर संदेहास्पद भूमिका में हैं और जहां सूचना मिलती है वहां पुलिस की कार्रवाई होने के कुछ दिन बाद फिर से कारोबार शुरू हो जाता है।

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