कोल ट्रांसपोर्टिंग पर कार्रवाई से जुड़ा है सारा घटनाक्रम
बिलासपुर/कोरबा (आधार स्तंभ) : SECL कोरबा क्षेत्र की सरायपाली खदान परियोजना में पदस्थ टेक्निकल इंस्पेक्टर रूपचंद देवांगन ने अपने ट्रांसफ़र के खिलाफ हाई कोर्ट से स्टे ले लिया है। प्रतिवादियों को इस मामले में 2 दिसम्बर तक जवाब प्रस्तुत करने हाईकोर्ट ने कहा है।
रूपचंद देवांगन पुत्र स्व. बजरंग लाल देवांगन 34 वर्ष पद जूनियर टेक्निकल इंस्पेक्टर निवास क्वार्टर क्रमांक – सी/4 एस.ई.सी.एल. ऑफिसर्स कॉलोनी गुड़ीपारा बांकी मोगरा (याचिकाकर्ता) ने प्रतिवादियों – साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के माध्यम से साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड, सीपत रोड बिलासपुर, मुख्य महाप्रबंधक एस.ई.सी.एल. कोरबा क्षेत्र पी.ओ. कोरबा कोलियरी एसईसीएल कोरबा क्षेत्र, उप क्षेत्र प्रबंधक एस.ई.सी.एल. सरायपाली उप क्षेत्र कार्यालय कोरबा, महाप्रबंधक (मैन पावर) उप क्षेत्र प्रबंधक कार्यालय सरायपाली ओसीपी कोरबा क्षेत्र, प्रधान अधिकारी बिलासपुर एसईसीएल, एसईसीएल भवन सीपत रोड बिलासपुर के माध्यम से निदेशक तकनीकी (पी एंड पी) एसईसीएल बिलासपुर के विरूध्द हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है।
सत्यसंवाद को मिली जानकारी के मुताबिक अपने अधिवक्ता अविनाश चंद साहू और विजय कुमार साहू के माध्यम से न्यायालय को रूपचंद देवांगन ने बताया कि वह जूनियर तकनीकी निरीक्षक के पद पर था। इससे पहले उसे 20.01.2024 को सुरकछार, बलगी उप-क्षेत्र से सरायपाली उप-क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया था। सरायपाली उप-क्षेत्र में अपनी सेवा अवधि के दौरान याचिकाकर्ता रूपचंद ने पाया कि कोल ट्रांसपोर्टर ओवरलोडिंग गतिविधियों में लिप्त हैं और उक्त अवैध गतिविधि पर आपत्ति करने पर ट्रांसपोर्टरों द्वारा उसके साथ मारपीट की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट याचिकाकर्ता ने 15.08.2024 को संबंधित पुलिस थाने में भी दर्ज कराई है। इसके बाद ही कोल ट्रांसपोर्टरों के दबाव के आधार पर याचिकाकर्ता को सरायपाली उपक्षेत्र से सुराकछार- बलगी उपक्षेत्र में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया है, यह अपने आप में मनमाना है। याचिकाकर्ता को 10 महीने की अवधि के भीतर फिर से उसके वर्तमान पदस्थापन स्थान से स्थानांतरित किया जा रहा है।
इसके जवाब में प्रतिवादियों के वकील ने विरोध किया और प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि वह ईमानदार व्यक्ति है और विभाग को ऐसे ईमानदार व्यक्ति की आवश्यकता है और इसलिए उसे पहले की पोस्टिंग जगह पर पोस्ट किया जा रहा है।
दोनों पक्षों के वकील के प्रस्तुतीकरण, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पुलिस रिपोर्ट में लगाये गए आरोप को अवलोकित करते हुए न्यायाधीश पार्थ प्रतीम साहू ने निर्देश दिया है कि आरोपित आदेश 18.10.2024 का प्रभाव और संचालन सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रहेगा। इस मामले को 2 दिसंबर 2024 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने के साथ ही उक्त समय तक, प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने निर्देशित किया गया है।