कोरबा (आधार स्तंभ) : दीपका नगर पालिका परिषद में राज्य सरकार की घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी जल आवर्धन योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं। इस योजना के तहत लगभग 9 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि में से 7 करोड़ रुपये का भुगतान संबंधित कार्य एजेंसी को किया जा चुका है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार योजना के तहत जिन स्थानों पर पाइप लाइन बिछाने और कनेक्शन देने का दावा किया गया है, वहां कोई कार्य नहीं हुआ है। कई स्थानों पर पाइप लाइन ही नहीं बिछी है। फर्जी माप पुस्तिका और बिलों के जरिए भारी भुगतान करने का आरोप लगाया गया है।
नगर विकास विभाग के संयुक्त संचालक को मिली शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की गई है। राकेश जायसवाल, बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक नगर विकास विभाग ने बताया कि जॉइंट टेक्निकल ऑफिसर की एक टीम गठित की जाएगी, जो जल्द ही जांच कर अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी।
सूत्रों के अनुसार यह भी पता चला है कि दीपका नगर पालिका ने घर-घर नल कनेक्शन के लिए लाखों रुपये का नया टेंडर जारी किया है, जबकि पूर्व में किए गए कार्यों का ठोस प्रमाण ही नहीं है।
इस मामले में भ्रष्टाचार का खुलासा होने से योजना के तहत शुद्ध पेयजल की उम्मीद लगाए बैठे नागरिकों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अब तक योजना का लाभ उन्हें नहीं मिला है।
अब देखना होगा कि जांच के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और भ्रष्टाचार के दोषियों पर क्या कदम उठाए जाते हैं?
दीपका नगर पालिका सीएमओ राकेश गुप्ता ने बताया कि घर-घर नल कनेक्शन के लिए एक करोड़ चालीस लाख रुपये का नया टेंडर किया है, जिसमें दस वार्डो के बचे हुए स्थानों में पाइप लाइन के साथ नल कनेक्शन किए जाएंगे।
अब सवाल उठ रहा की पूर्व में किए गए कार्यों का ठोस प्रमाण ही नहीं है। तो फिर आगे कनेक्शन देना कैसे संभव है। यह तो जांच का विषय है।