तीन साल की मासूम बच्ची को छोड़ भागी निर्मोही मां

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बिलासपुर (आधार स्तंभ) :  सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) में एक निर्माही मां ने अपनी तीन साल की मासूम बच्ची को छोड़ कर चली गई। जब इसकी जानकारी सिम्स प्रबंधन को हुई तो सोशल वर्करों ने बच्ची को अपने कब्जे में लिया। पूछताछ में बच्ची कुछ भी नहीं बता सकी, सिर्फ अपनी मां को ही पूछती रही। ऐसे में समझ आ गया कि मां ने ही बच्ची को भगवान भरोसे छोड़कर चली गई। बच्ची को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया है।

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सिम्स में यह घटना बीते शनिवार की है। सुबह नौ बजे कुर्सी में एक तीन साल की बच्ची बैठी हुई थी। उसके पास पानी का एक बोतल और बिस्किट का पैकेट था। कुछ देर बाद लोगों की नजर उस पर पड़ी। तब कुछ लोगों ने उसके पास जाकर पूछने की कोशिश की, लेकिन बच्ची कुछ भी नहीं बोल रही थी। बीच-बीच में लड़खड़ाती जुबान में मां को आवाज दे रही थी। ऐसे में लोग कुछ समझ नहीं पाए और ओपीडी में उसकी मां को खोजने लगे, लेकिन उसकी मां का कुछ भी पता नहीं चला। देखते ही देखते दोपहर के दो बज गए और ओपीडी समाप्त हो गई, लेकिन बच्ची उस कुर्सी से टस से मस तक नहीं हुई। ऐसे में इसकी जानकारी सिम्स प्रबंधन को दी गई कि एक लगभग तीन साल की बच्ची अकेली है और उसकी मां का कुछ पता नहीं चल रहा है। तब सिम्स के सोशल वर्कर आशुतोष को इसकी जानकारी दी गई।

इस पर आशुतोष और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ बच्ची के पास पहुंचा और उससे जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन बच्ची कुछ नहीं बोल रही थी और बीच-बीच में रोने लगती थी। काफी मशक्कत के बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया, तब आशंका जताई गई कि मां ही बच्ची को छोड़कर चली गई। इसके बाद शाम तक मां के आने का इंतजार किया गया। लेकिन वो नहीं पहुंची, तब यह पक्का हो गया कि मां अपनी मासूम बच्ची को छोड़कर चली गई है। इसके बाद आनन-फानन में चाइल्ड लाइन टीम को इसकी जानकारी दी गई, तब टीम पहुंची और बच्ची को अपने साथ ले गई। यहां उसके रहने, खाने की व्यवस्था कर मां की तलाश की जा रही है।

लगातार बच्ची से बात करने की कोशिश की जा रही है कि वह कुछ अपने और अपने माता-पिता के बारे में बता सके, लेकिन बच्ची कुछ भी साफ नहीं बोल पा रही है। इसी वजह से जानकारी लेने में दिक्कत हो रही है। रोने के अलावा वह केवल मां बोल पा रही है। इसके चलते उसकी मां को खोजना और भी कठिन हो गया है।

लगभग 30-31 साल की महिला को देखा गया था उसके साथ

बताया जा रहा है कि उस बच्ची को ओपीडी शुरू होने के पहले ही छोड़ दिया गया था। उस दौरान ओपीडी में बहुत ही कम लोग थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इस बच्ची को एक 30-31 साल की महिला के साथ अंतिम बार देखा गया था। इसके बाद से बच्ची कुर्सी पर अकेले ही बैठे हुई मिली। सोशल वर्कर आशुतोष शर्मा का कहना है कि मां व उसके रिश्तेदारों को खोजने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अब तक उसका कुछ भी पता नहीं चल पाया है।

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