तिलकेजा(आधस्तंभ) : ग्राम तिलकेजा स्थित स्वामी आत्मानन्द (अंग्रेजी माध्यम) स्कूल में गांव के मूल निवासियों के बच्चों का नाम पात्रता सूची में होने के बाद भी प्रवेश से वंचित। इस संबंध में प्रवेश प्रक्रिया में दूरी के बंधन को यथावत रखे जाने के लिए एक पिता ने लगाई शिक्षा विभाग से गुहार |
मिली जानकारी के अनुसार माधो प्रसाद कैवर्त, पिता श्री हर प्रसाद कैवर्त, ग्राम तिलकेजा, भैंसमा, जिला कोरबा, छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं | इनके द्वारा उनके पुत्री नव्या कैवर्त को कक्षा पहली में स्वामी आत्मानंद (अंग्रेजी माध्यम) में प्रवेश के लिए आवेदन किया गया था जिसकी आवेदन सूची में छात्रा का नाम 68 नंबर पर दर्ज हैं | उक्त प्रवेश प्रक्रिया में 100 में से 58 बच्चों को पात्र एबं 42 बच्चों को दुरी के हिसाब से अपात्र की सूची में रखा गया था | परन्तु जिला शिक्षाधिकारी के अनुसार दुरी के बंधन को समाप्त करते हुए 100 बच्चों को लॉटरी प्रक्रिया में रखा गया, जिसमे 52 बच्चों का प्रवेश दिनांक 16/05/2024 तक लेने का निर्देश दिया गया हैं | उक्त सूची से प्रार्थी की पुत्री प्रवेश से वंचित हो गई।
जहा ग्राम तिलकेजा के मूल निवासी होते हुए भी लॉटरी पद्धति के कारण मूल निवासी उक्त योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं | जबकि दूर दूर के गांव के बच्चों को उक्त विद्यालय में प्रवेश दिया जा रहा हैं| उक्त विद्यालय में 52 सीट आरक्षित हैं | बावजूद इसके तिलकेजा के मूल निवासियों के बच्चों को वंचित किया जा रहा हैं |
प्रार्थी ने शिक्षाधिकारी से इस विषय पर विशेष ध्यान देने का आग्रह करते हुए एक पत्र लिखा है। उन्होने कहा कि इस पद्धति से उनके जैसे कई अन्य बच्चों के सुनहरे भविष्य के साथ हो रहे अन्याय को रोका जाए और सबको सही नियम से प्रवेश से वंचित न करते हुए उचित शिक्षा प्रदान किया जाए|