पिल्लर में किया गया लीपापोती, क्रेक को छिपाने की कोशिश

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निर्माणाधीन अंडरब्रिज के पिलर में वर्टिकल क्रेक से गुणवत्ता पर सवाल, अनदेखा कर रहे अधिकारी

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बरपाली(आधार स्तंभ) : कोरबा से चांपा के मध्य निर्माणाधीन नेशनल हाईवे पर बरपाली बस स्टैण्ड के निकट अंडरब्रिज के लिए खड़े किये जा रहे पिलर में से तीसरे नंबर के पिलर में वर्टिकल क्रेक आ गया है जो किसी भी पिलर के लिए ठीक नहीं और भविष्य में इस पर निर्मित होने वाले ब्रिज के लिए बड़े हादसे की वजह बन सकता है। संबंधित ठेकेदार के द्वारा इस बड़ी खामी को नजरअंदाज कर आज इसमें सीमेंट का घोल पुतवा कर जगह-जगह से नजर आ रहे वर्टिकल क्रेक को छिपाने का काम कराया जाता रहा। सीमेंट पोतने के बाद पिलर को बोरे से ढकवाया भी गया ताकि किसी तरह की खामी उजागर न होने पाये। हमने इस बात का अंदेशा पहले ही जाहिर कर दिया था कि बड़ी खामी और क्रेक छिपाने के लिए लीपापोती हो सकती है और इससे पहले विभागीय सहित नेशनल हाईवे अथॉरिटी के स्थानीय अधिकारियों को इस पिलर की गुणवत्ता की पड़ताल कर लेनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं  हुआ।

आज हमने अपने स्थानीय सूत्रों के हवाले से यह मामला सामने लाया और आज सोमवार को क्रेक वाले जगह पर सीमेंट की लीपापोती कर दी गई। प्लास्टर से बाहरी आवरण में क्रेक को सिर्फ ढंक कर बड़ी कमजोरी को छिपाया जा सकता है लेकिन भीतर ही भीतर कमजोर पिलर हादसे की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।

जानकार बताते हैं कि पिलर में वर्टिकल क्रेक के कारण इसकी लोड बेयरिंग कैपेसिटी नहीं रह जाएगी। यदि ऐसे क्रेक वाले पिलर पर गर्डर का लोड बढ़ेगा तो वर्टिकल क्रेक के बढऩे की संभावना ज्यादा हो जाएगी और यह दुर्घटना की वजह बन सकता है। सिविल इंजीनियरों की मानें तो वर्टिकल क्रेक किसी भी कम्प्रेशर मेंबर में नहीं आना चाहिए, यह कंस्ट्रक्शन फॉल्ट है और कहीं न कहीं कोई त्रुटि हुई है। कार्यस्थल पर मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं होने, गुणवत्ता मॉनिटरिंग में कमी का खामियाजा भविष्य में किसी बड़े हादसे के रूप में सामने आये, इससे पहले उक्त तीसरे नंबर के पिलर में आये वर्टिकल के्रक को गंभीरता से लेने की जरूरत है। तकनीकी अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि बरपाली में निर्माणाधीन ओवरब्रिज हैवी गर्डर वाला ब्रिज है और जिसमें थोड़ा सा भी फॉल्ट आना बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकता है। निश्चित रूप से पिलर की ढलाई के दौरान किसी भी शासकीय नियंत्रण एजेंसी के नहीं रहने के कारण निर्माण से जुड़े ठेकेदार के लोगों ने सामाग्री की गुणवत्ता की अनदेखी की है। मनमाने तरीके से मटेरियल डालने के बाद वाईबे्रटर नहीं चलाये जाने से इस तरह का फाल्ट आने की बात कही जा रही है। जानकारों की मानें तो पिलर में एक धागे के बराबर भी क्रेक नहीं होना चाहिए और वर्टिकल क्रेक तो बिल्कुल भी नहीं।

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