कोरबा (आधार स्तंभ) : महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों को पोषण आहार प्रदाय करने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन काफी संजीदगी से कम कर रहा है। जिले के कलेक्टर अजीत वसंत ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को लकड़ी-कोयला के धुएं से मुक्त बनाने के लिए डीएमएफ मद से गैस सिलेंडर की व्यवस्था कर दिए लेकिन गैस हो या लकड़ी-कोयला का चूल्हा, किस काम का जब पकाने के लिए चावल ना हो।
महिला बाल विकास विभाग के ग्रामीण परियोजना अंतर्गत व जिले के करतला विकासखंड में ग्राम पंचायत केराकछार में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 6 केन्द्रों केराकछार-1, केराकछार-2, पुरानी बस्ती, धवईभाटा, मुड़ापार व एक अन्य में पिछले 2 साल से चावल का आवंटन/वितरण नहीं हो सका है। वर्ष 2023 से लेकर 2024 के मध्य अभी तक सिर्फ फरवरी माह में तीन क्विंटल चावल का वितरण आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए किया जा सका। प्रत्येक केंद्र ने 50-50 किलो चावल बांटा गया। इससे पहले और इसके बाद इन 6 केन्द्रों के लिए चावल का आवंटन नहीं हो पाया है और अगर हुआ भी है तो उचित मूल्य के दुकान से इन्हें प्रदाय नहीं किया गया है।
प्रभावित आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताओं के मुताबिक वे जब पूरक पोषण का चावल लेने के लिए उचित मूल्य की दुकान जाती हैं तो संचालक कहता है कि चावल आया ही नहीं है। दूसरी तरफ सेक्टर सुपरवाइजर के द्वारा कहा जाता है कि कूपन जारी हो गया है, जाकर चावल उठाव कर लो। सोसायटी जाने पर चावल नहीं आना बताया जाता है और ऐसा करते हुए 2 साल बीत गए हैं।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि समूह के द्वारा अपने पास से चावल दिया जा रहा है, बच्चों को पूरक पोषण आहार खिलाया जा रहा है। उचित मूल्य दुकान का संचालक कहता है कि स्कूलों के मध्यान्ह भोजन का चावल आया है लेकिन पूरक पोषण आहार का चावल उसे प्राप्त नहीं हुआ है। अब इसमें गड़बड़ी कहां पर हुई है,चावल उचित मूल्य दुकान तक क्यों नहीं पहुंचा है, सेक्टर सुपरवाइजर कौन सा कूपन जारी होने की बात कर रही हैं कि चावल वितरण नहीं हो पा रहा है, इस पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। यह गंभीर बात है कि 2 साल से इन 6 आंगनबाड़ी केन्द्रों में चावल का आवंटन नहीं हो पा रहा है, व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।