जांजगीर-चांपा(आधार स्तंभ) : चांपा थाना क्षेत्र में एक संगठित आपराधिक षडयंत्र का खुलासा हुआ है, जिसमें हमनाम व्यक्ति को निजी जमीन का मालिक बताकर जमीन बिक्री की गई। इस मामले में तहसीलदार, डिप्टी रजिस्ट्रार और तीन पटवारियों समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
मामला विस्तार से:
चांपा ब्लॉक के ग्राम कुरदा में संजय पांडे नामक व्यक्ति ने बिलासपुर जिले के तखतपुर थाना क्षेत्र के निवासी निरंजन पांडे से 15 डिसमिल जमीन खरीदी थी। इसके बाद संजय पांडे ने नामांतरण करवा कर ऋण पुस्तिका भी अपने नाम पर बनवाई थी। लेकिन, गांव के ही संजय कुमार बरेठ नामक व्यक्ति ने हमनाम होने का फायदा उठाकर, संजय पांडे की जमीन को अपने नाम फर्जी ऋण पुस्तिका बनवा ली और फिर इसे साहिल राज देवांगन को बेच दी।
फर्जीवाड़े का खुलासा:
जमीन की फर्जी बिक्री: संजय बरेठ ने पटवारियों से मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और खुद को संजय पांडे बताते हुए ऋण पुस्तिका क्रमांक पी 2441911 जारी कराया। इसके बाद तत्कालीन तहसीलदार डीएस उईके और पटवारी अरविंद साहू से हस्ताक्षर करवा कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए।
फर्जी पंचनामा: 20 मार्च 2017 को फर्जी दस्तावेज, स्थल पंचनामा तैयार कर दो गवाहों संतोष देवांगन और अभय पांडेय की मदद से खुद को जमीन का मालिक प्रमाणित करवा कर जमीन बेच दी।
असली मालिक की शिकायत: जब वास्तविक जमीन मालिक संजय पांडे को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने चांपा थाने और पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत की। पुलिस की कार्यवाही न होने पर उन्होंने अदालत में परिवाद दायर किया।
अदालत का आदेश:
अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विक्रेता संजय कुमार बरेठ, खरीददार साहिल देवांगन, गवाह संतोष देवांगन और अभय पांडेय समेत पटवारी अरविंद साहू, युवराज पटेल, भूषण मरकाम, तत्कालीन तहसीलदार डीएस उईके, तहसीलदार सरस्वती बंजारे और उपपंजीयक विजय दिढ़तुडूक के खिलाफ धारा 120 बी, 34, 467, 468, 469, 471 के तहत FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
इस घटना ने राजस्व और पंजीयन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और मिलीभगत को उजागर किया है। अदालत के आदेश पर अब इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।