कोरबा (आधार स्तंभ) : कोरबी-चोटिया। वन विभाग के अधिकारी व कर्मियों की लचर व्यवस्था के कारण किसान काफी परेशान हैं। वह दोहरी मार झेलने के लिए मजबूर हैं। एक तरफ जहां उनके क्षेत्र में हाथियों के द्वारा खड़ी फसलों को रौंद कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ नुकसान हुए फसल का मुआवजा बनाने की प्रक्रिया वन विभाग के कर्मचारी पूरी नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि उनकी फसल को देखने भी नहीं पहुंच रहे हैं जिसके कारण किसान हलाकान हैं। नाराज किसानों के द्वारा फसल कटाई के बाद एक बड़े आक्रोश प्रदर्शन की रणनीति बनाई जा रही है।
किसानों में इस बात पर भी आक्रोश है कि खेत के साथ-साथ जंगल की फसल भी बर्बाद हो गई, आखिर शिकायत करें तो करें कहाँ? एक किसान वीरेंद्र मरकाम ने बताया कि वन विभाग की निष्क्रियता अभी भी जस की तस है। 03/11/24 को हाथियों का आतंक उसके भी खेत में रहा। धान फसल रौंदा गया लेकिन वन विभाग की निष्क्रियता बनी है। बहुत मुश्किल से फोटो खिंचाया परन्तु अभी तक विभाग के द्वारा प्रकरण जमा नहीं किया गया है।
पीड़ित किसानों ने कहा है कि अभी फसल की कटाई बहुत जोरों से चल रही है, उसके बाद तय स्थल पर बड़ी बैठक कर बड़ी योजना बनाएंगे।
एक-दूसरे बीट पर टाली जा रही बात
पीड़ित ने बताया कि 3-4 बार डिप्टी रेंजर से आग्रह किया है परन्तु उनकी टीम गुरसिया बीट/बंजारी बीट वाले फोटो खीचेंगे, प्रकरण तैयार करेंगे बोलकर, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहते हैं। ऐसे न जाने कितने प्रकरण हैं जो लम्बित हैं, अब ऐसे में व्यवस्था कैसे सुधरेगी? फिलहाल तहसीलदार को वन विभाग की लचर व्यवस्था से अवगत कराया गया है।
0 10 माह से पेमेंट लम्बित
01) ऐतमा रेंज का नीलगिरि पौधारोपण जून माह का विभिन्न ग्रामो में रोपित पौधों का बिल पेमेंट लंबित हैं
02) जून-जुलाई माह का हाथी द्वारा फसल मुआवजा राशि अभी तक किसानो को नहीं मिल पाया है
03) ऐतमा रेंज में कार्यरत रहे फायर वाचरों का 10 माह का पेमेंट लंबित हैं।