कोरबा(आधार स्तंभ) : मानसून अपने पूरे रंग में आ गया है। मानसून की मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त करने के साथ ही बरसाती पानी के निकासी की व्यवस्थाओं की भी पोल खोल कर रख दी। इसके साथ ही नदी -नालों, नालियों पर अतिक्रमण करने वालों की भी परेशानी बढ़ गई है। पानी की निकासी का पर्याप्त स्थान नहीं होने के कारण बरसात का पानी नाली- नालों के गंदे पानी के साथ नदी के रूप में स्लम इलाकों में बहने लगा।
देर रात हुई तेज बारिश के बाद चिमनीभट्ठा सहित कई स्लम इलाकों में नदी की धार बहती नजर आई। बस्ती की गलियों से होते हुए पानी ऐसा लग रहा था मानो की नदी के दोनों तरफ लोगों ने घर बसा लिए हैं। गंदा पानी घरों में भी घुसता रहा।
इसी तरह के हालात उन कॉलोनी क्षेत्र में भी बने जहां नालियों की साफ- सफाई का अभाव है,नालियां कम गहरी है या जगह-जगह से चोक है। समय रहते इन नालियों की साफ-सफाई संबंधित प्रबंधन/प्रशासन द्वारा नहीं कराए जाने के कारण खामियाजा अब बरसात में भुगतना पड़ रहा है।