कोरबा(आधार स्तंभ) : कोरबा जिले के पाली थाना1 अंतर्गत चैतमा चौकी के ग्राम गोपालपुर में बाँधापारा डेम में बोरियों में बांधकर टुकड़ों में फेंकी गई लाश की गुत्थी पुलिस ने लगभग सुलझा ली है। मृतक की पहचान मोहम्मद वसीम के रूप में होने के बाद रांची झारखंड से आए परिजन ने भी शिनाख्त कर ली है। आधार कार्ड व पासपोर्ट के जरिए मृतक की पहचान हुई है।
ढाई साल से सऊदी में रह रहा था
पहचान के बाद मृतक के भाई ने बताया कि वसीम ढाई साल पहले सऊदी गया था और वहीं कमाने खाने लग गया। उससे परिजनों की बातचीत अक्सर हफ्ता-10 दिन के अंतराल में होती रहती थी। वह छुट्टी लेकर घर आने वाला था लेकिन कब आएगा इसके बारे में परिजनों को नहीं बताया था। वह भारत कब लौटा, इसकी जानकारी परिजनों को नहीं है और यह भी नहीं पता कि वह रांची आने की बजाय कोरबा कैसे आ गया? पुलिस के द्वारा काफी कोशिश कर मृतक के अंगों को बरामद कर लिया गया है लेकिन धड़ अभी भी मिला नहीं है, जिसकी तलाश की जा रही है।
इधर दूसरी तरफ विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस नृशंस हत्याकांड की गुत्थी लगभग सुलझ गई है और आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। आरोपियों की निशानदेही पर धड़ को बरामद करने की कोशिश जारी है।
ढाबा में खाना खाए
मामला प्रेम प्रसंग से जुड़े होने का पता चला है जिसमें मृतक वसीम की सोशल मीडिया के जरिए विवाहित युवती से बात होती थी। वह सऊदी से भारत आया और दमनदीव से बिलासपुर पहुंचा। बिलासपुर में संभवत: उसने अपनी प्रेमिका को मिलने के लिए बुलाया जिसकी जानकारी उसके पति को हो चुकी थी। यह बात भी पता चली है कि बिलासपुर मोपका के एक ढाबा में भोजन किया और यहां से जाने के बाद वसीम की हत्या कर शव को टुकड़ों-टुकड़ों में काटकर ठिकाने लगा दिया गया। मृतक के रुपयों के लालच के कारण मिले सुराग के अलावा इस मामले में तकनीकी तौर पर मिले सबूतों के आधार पर अन्य आरोपियों की धर पकड़ की कोशिश जारी है। कोरबा पुलिस जल्द इस पूरे मामले का खुलासा करेगी।