रलिया में मुआवजे को लेकर करोड़ो का घोटाला,स्थानीय नेता,SECL और SDM की भूमिका संदेहास्पद..?

Must Read

 

- Advertisement -

कोरबा(आधार स्तंभ) : साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) गेवरा प्रोजेक्ट कोयला खदान के लिए अधिग्रहित किये जा रहे रलिया गांव में SECL और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ो रुपयों के मुआवजा घोटाले कि स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है।मुआवजे के इस घोटाले में स्थानीय नेताओं व कटघोरा SDM समेत SECL की भूमिका संदेहास्पद बनी हुई है..?

जानकारी अनुसार एसईसीएल की गेवरा कोयला खदान के लिए ग्राम रलिया में जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, एसईसीएल की योजना में रलिया गाँव की भूमि अधिग्रहण किये जाने की जानकारी लोगो को लंबे समय से है।लेकिन जैसे ही अधिग्रहण का समय नजदीक आया सरकारी जमीन पर कब्जा करने का खेल शुरू हो गया।बड़े पैमाने पर लोगो ने सरकारी जमीन पर घटिया दर्जे के मकान निर्माण कर दिए।इस घोटाले में स्थानीय पंच सरपंच से लेकर भाजपा कांग्रेस के प्रभावशाली नेता और कटघोरा राजस्व विभाग के आलाअधिकारियों समेत गांव के संपन्न ग्रामीण सामील बताये जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार एसईसीएल की ओर से 1200 रुपये प्रति स्क्वायर फिट की दर से मकानों का मुआवजा दिया जाना है।वही पेड़ पौधों का भी अच्छे दर पर मुआवजा मिलना है।हालांकि इन गाँव मे एसईसीएल द्वारा अधिग्रहण की योजना पुरानी है,लेकिन जैसे ही अधिग्रहण का समय करीब आया इलाके के प्रभावशाली लोगों ने सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर कब्जा कर लिया।यह घटिया क्वालिटी का निर्माण 1200 रुपये प्रति स्क्वायर फिट की दर से मुआवजा पाने के लिए किया गया है।

 

सूत्रों का कहना है कि संबंधित लोगो को शासकीय भूमि का मुआवजा नही मिलेगा लेकिन उस पर निर्मित भवन का मुआवजा दिया जाएगा।यह सारा खेल बहुत सोच समझकर खेला जा रहा है।इस खेल के पीछे एसईसीएल के अधिकारियों की भूमिका बेहद संदिग्ध बताई जा रही है।सूत्र बताते हैं कि एसईसीएल के अधिकारियों ने ही लोगो को यह जानकारी दी है कि शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा कर बनाये गए मकानों,बोरवेल और पेड़ पौधों का अच्छी दर पर मुआवजा दिया जाएगा।इस बेजा कब्जे के खेल में रातों रात घटिया निर्माण के कच्चे पक्के मकान तैयार हो गए।हालत यह है कि अनेक मकानों में इटो की जुड़ाई का काम मिट्टी से कराया गया है और उस पर सीमेंट का प्लास्टर कर दिया गया है।इसी तरह मकानों में अत्यधिक घटिया क्वालिटी का टाईल्स लगा दिया गया है और आकर्षक रंग रोगन करा दिया गया है।ये सारे उपक्रम मुआवजा के रूप में मोटी रकम हासिल करने के लिए किया गया है।

1 मार्च 2024 के अधिसूचना बाद लोगो को उनके मकान के मुआवजे की जानकारी मिलनी शुरू हो गई।जहां षड्यंत्र रूपी तैयार मकानों का मुआवजा लाखो करोड़ो में तैयार हो गया वही असल के हकदारो का मुआवजा बेहद कम बना। जिस कारण कम मुआवजा बनने से असन्तुष्ट लोगो ने शिकायतों का दौर शुरू कर दिया। लोगो की माने तो SECL असल के हकदारों को नए पुराने मकान के फेर में उलझाकर कम मुआवजा बना रहा है जबकि ये लोग दसको से यहां घर बनाकर निवासरत है।वही एक साल के भीतर मुआवजा पाने किये गए मकानों का मुआवजा करोड़ो में तैयार हो गया।

ग्राम रलिया में भाजपा कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं,SECL व कटघोरा राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से मुआवजा के नाम पर परसेंट का बड़ा खेल खेला जा रहा है, इस परसेंट के खेल में अधिकारियों समेत नेता करोड़ो रूपये का घोटाला कर रहे हैं।सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि इस खेल में शामिल लोगों की शिकायतें उच्च स्तर पर की जा सकती है।बहरहाल इस खेल में नेता SECL व राजस्व विभाग कितना कितना शाक-पाक है यह तो हम नही बता सकते,लेकिन इस पूरे माजरे की उच्च स्तरीय जांच की जाए तो कई खुलासे हो सकते हैं,जिन्हें नकारा नही जा सकेगा।

Latest News

मृतक के शरीर पर चाकू के कई निशान, पुलिस ने 16 घंटे में आरोपियों को पकड़ा

जांजगीर-चांपा. शिवरीनारायण मेले में युवक की हत्या मामला में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई...
- Advertisement -

More Articles Like This

- Advertisement -