किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म और 3 हत्याओं का मामला

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कोरबा(आधार स्तंभ) :  छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पहाड़ी कोरवा किशोरी के साथ गैंग रेप और उसके पिता सहित मासूम की हत्या के मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोष सिद्ध होने पर 5 आरोपियों को मृत्युदंड और एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।

न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मृतकगण अपने पूरे परिवार के साथ आरोपी संतराम मंझवार के यहां रहकर उसके मवेशियों को चराने का काम करते थे। उक्त कार्य करने के एवज में 8000 रूपये प्रति वर्ष एवं प्रतिमाह 10 किलो चावल के दर से इकरारनामा हुआ था, किन्तु संतराम मंझवार ने पूरे वर्ष का मात्र 600 रुपये और प्रति माह 10किलो चावल दिया था। घटना दिनांक 29.01.2021 को मृतक की पत्नी अपने पति (मृतक) के साथ संतराम के पास जाकर बचत पैसा का हिसाब मांगे।

हिसाब करने की बात पर आरोपी संतराम ने ठीक है, कहा और 600 रुपए नगदी, कुछ दाल-चावल एवं कपड़ा दिया,तब वे अपने घर जा रहे हैं बोलकर आ गये। 29.01.2021 को मृतकगण अपने घर ग्राम जाने के लिये ग्राम सतरेंगा के बस स्टैण्ड में थे कि आरोपी संतराम मंझवार अपने साथी शेष आरोपीगण के साथ षडयंत्र रचकर बस स्टैण्ड में पहुंचकर मृतकगण एवं उनके अन्य वारिसान को यह कहा कि हम मोटर सायकल में तुम्हें पहुंचा देते हैं। उन्हें बस में जाने से रोककर मोटर सायकलों में बैठाकर लेकर गये। कोरई ग्राम तक साथ लेकर गये, उसके बाद मृतक की पत्नी प्रार्थिया को एक मोटर सायकल से आगे भेज दिया किन्तु मृतकगण पति,किशोरी और नातिन को रोक लिया। रास्ते में स्ककर आरोपीगण ने शराब पीकर एवं मृतक को शराब पिलाई और आरोपीगण ने पूर्व से रचित पडयंत्र के तहत सामान्य उद्देश्य को क्रियान्वित करते हुये घटना स्थल ले जाकर मृतिका पीडिता किशोरी के साथ बलात्कार किये जिसका मृतक द्वारा विरोध करने पर डंडा एवं पत्थर से उसके साथ मारपीट

कर इसकी। पीडिता/मृतिका को भी पत्थर से मारकर मृत समझकर फेंक दिया तथा मृतिका को भी पत्थर में पटकर साशय हत्या कारित किया।

इस मामले में पुलिस ने घटना के बाद मुख्य आरोपी संतराम यादव सहित 6 को गिरफ्तार कर लिया था।

विशेष न्यायाधीश ने कहा-समाज की सामूहिक चेतना को आघात पहुंचा है

लेमरू पुलिस ने प्रकरण को विचारण हेतु विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया। विचाराधीन प्रकरण में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक) डॉ.ममता भोजवानी ने ऐतिहसिक फैसला सुनाया है।DFन्यायाधीश ने कहा कि मानवीय एवं निर्दयता पूर्वक किया गया कृत्य वीभत्स, पाशविक एव कायरतापूर्ण है। वासना को पूरा करने के हेतुक के अंतर्गत निर्दोष एवं कमजोर व्यक्तियों की हत्या कारित की है जिससे सपूर्ण समाज की सामूहिक चेतना को आघात पहुंचा है।

आरोपीगण द्वारा एक ही आदिवासी जनजाति परिवार के सदस्यों की 03 हत्याएं जिनमें एक 16 साल की बच्ची, एक साढे तीन साल की बच्ची तथा एक लगभग 55-60 वर्षीय वृद्ध पुरुष की हत्या कारित की गई है तथा उस 16 साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया इसलिये आजीवन कारावास के सामान्य नियम की अपेक्षाकृत मृत्युदण्ड के अपवाद का चयन करने के अतिरिक्त इस न्यायालय के पास और कोई विकल्प नहीं बचा है। अतः 5 आरोपीगण को मृत्युदंड और एक को आजीवन कारावास का सजा सुनाई है,साथ ही कहा है कि आरोपीगण संतराम, अब्दुल, अनिल , आनंद दास, परदेशी को उनके गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाये,जब तक उनकी मृत्यु न हो जाये।

* आरोपीगण

1. संतराम मंझवार, पिता धीरसाय मंझवार, उम्र 45 वर्ष।

2. अनिल कुमार सारथी, पिता भरत लाल सारथी, उम्र 20 वर्ष।

3. उमाशंकर यादव, पिता फेकूराम यादव, उम्र 22 वर्ष (आजीवन कारावास की सजा)।

4. परदेशी दास, पिता बुधवार दास, उम्र 35 वर्ष।

5. आनंद दास, पिता होरीदास पनिका, उम्र 26 वर्ष।

6. अब्दुल जब्बार उर्फ विक्की, पिता मो. इकवाल मेमन, उम्र 21 वर्ष, सभी निवासी सतरेंगा, थाना लेमरू।

 

 

 

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