कोरबा में भ्रष्टाचार चरम पर।निगम के काम को करवाने के लिए ठेकेदारों से वसूली जाती है कमीशन।

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      कोरबा में भ्रष्टाचार चरम पर है।  

 कोरबा (आधार स्तंभ) : नगर निगम में लेखा   अधिकारी अशोक कुमार देशमुख पर पीड़ित ठेकेदारों   ने पद का दुरूपयोग करने और रिश्वत मांगने का   आरोप लगाया है। ठेकेदारों का आरोप है कि नगर निगम कोरबा में भ्रष्टाचार चरम पर है।

  • बगैर कमीशन कोई भी कार्य नहीं होता है। पत्र कलेक्टर, कोरबा जिला-कोरबा को लिखा गया है पत्र मे नगर पालिक निगम कोरबा में कार्यरत अशोक कुमार देशमुख, लेखा अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर निगम कोष को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया है

  • पत्र मे लेख्य है कि अशोक कुमार देशमुख, लेखा अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए नगर निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाई है।
  • जीर्ण शीर्ण सड़कों का मरम्मत कार्य मद हेतु 30.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी किंतु भुगतान 32.00 लाख रूपये किये गये है। रू. 2.00 लाख का खर्च किया गया जिसकी स्वीकृति सक्षम अधिकारी (आयुक्त महोदया) से नहीं ली गई,
  • जो कि रोकी जा सकती थी शासन से स्वीकृति उपरांत भुगतान किया जाना था यह कृत्य वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
  • इसके अलावा यूआईपीए के तहत शासन से प्राप्त राशि का दूसरें मद में व्यय कर दिया गया है, जो कि शासन के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, किंतु कमिशन खोरी के चक्कर में भुगतान कर दिया गया है, इनके द्वारा सभी ठेकेदारों के घर-घर जाकर 4.5 प्रतिशत का कमिशन लिया जा रहा है
  • जबकि आयुक्त महोदय द्वारा सख्त निर्देश है कि किसी प्रदार लेने देने न किया जाए किंतु श्री अशोक देशमुख द्वारा जिसका पैसा प्राप्त होता है उनका चेक पहले भुगतान कर दिया जाता है और जो ठेकेदार पैसा नहीं देते है उनका भुगतान महिनों तक नहीं करते है।
  • और तो और अपने पुत्र चन्द्र कांत देशमुख को आई.डी.बी.आई. बैंक में सर्विस दिलाने के लिए उक्त बैंक में खाता खोला गया एवं पुत्र के प्रमोशन हेतु निगम फण्ड आई.डी.एफ.सी. फर्स्ट बैंक में भेजा जा रहा है।
  • (जानकारी हेतु कैश शाखा से वित्तीय लेनदेन एवं उनकी पुत्र की ज्वाइनिंग आदि की तिथि से परीक्षण की जा सकता है),नगर पालिक निगम में चार्टर्ड एकाउण्टेंट को प्रतिमाह रू. 150000.00 लगभग का भुगतान प्रतिमाह किया जाता है जबकि चार्टर्ड एकाउण्टेट द्वारा अम्बिकापुर से महिने में एक दिन ही कोरबा का दौरा होता है।
  • नस्तियों में साईन उनके कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। उक्त राशि से कम खर्च पर कोरबा में सीए मिल सकते हैं, जिसके लिए खुली रूचि की अभिव्यक्ति आमंत्रण करने पर मिल सकते हैं।
  • आगे पत्र में लिखा गया है की ठेकेदारों पर दया दिखाते हुए अशोक कुमार देशमुख, लेखा अधिकारी के स्थान पर अन्य अधिकारी को या शासन लेखा अधिकारी भेजने की कृपा करेंगे, ताकि हम ठेकेदारों के उपर दया हो सके। (हम नाम अपना देने में असमर्थ है।
  • हमारा नाम आने पर हमारे बिलों का भुगतान में बाधा पहुंचाई जाएगीl कोरबा कलेक्टर के साथ ही प्रतिलिपि अरूण साव, मंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय, नवा रायपुर, सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, महानदी भवन रायपुर, संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, महानदी भवन रायपुर को प्रेषित किया गया हैl
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 904 करोड़ 78 लाख रुपए का बजट पेश किया गया है. बजट का अधिकांश हिस्सा शासकीय योजना के क्रियान्वयन, नगर निगम में सड़कों की मरम्मत, नालियों का निर्माण और साफ-सफाई, जलप्रदाय, स्ट्रीट लाइट और सौंदर्यीकरण पर खर्च होंगे।
  • बीते वर्ष में निगम के पास 370 करोड़ रुपए का प्रारंभिक अवशेष है l
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