बरपाली(आधार स्तंभ) : कांग्रेस की वर्तमान सांसद प्रतिनिधि व पूर्व जनपद अध्यक्ष धनेश्वरी कंवर अपने पति गोविंद नारायण कंवर (पूर्व अध्यक्ष सरपंच संघ) के साथ भाजपा में हुई शामिल। क्या अब इनका काला चिट्ठा हो जाएगा बंद या होगी रिकवरी की कार्यवाही?
ज्ञात हो कि कोरबा के सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत की सांसद प्रतिनिधि श्रीमती धनेश्वरी कंवर जो कि पूर्व में करतला जनपद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं उन्होंने आज अपने पति गोविंद नारायण कंवर के साथ भाजपा का समर्थन करते हुए भाजपा में शामिल हो गई हैं। शुरू से कांग्रेस विचारधारा से संबंध रखने वाले गोविंद नारायण और धनेश्वरी कंवर का अचानक भाजपा में शामिल होना लोगों को हजम नहीं हो पा रहा है।
मोदी का असर या सोशल मीडिया के वीडियो का?
हो सकता है यह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का असर हो या फिर सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो का असर।
आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वाइरल हो रहा है जिसमें ई डी द्वारा किसी के भी घर या दुकान पर रेड किया जाता है तब सामने वाला अंदर जाकर भाजपा का टोपी और गमछा पहन कर वापस आता है और ई डी की टीम यह कहते हुए वापस चली जाती है कि हम गलत घर में आ गए हैं।
क्या भाजपा में शामिल होने से सच में धूल जाते हैं पाप
ज्ञात हो कि गोविंद नारायण कंवर द्वारा अपने कार्यकाल में जब वो बरपाली के सरपंच पद पर आसीन थे तब उनके द्वारा जनता के पैसों का दुरुपयोग किया गया है। ऐसा ही एक मामला कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें गोविंद नारायण द्वारा बरपाली पंचायत में नाली निर्माण के लिए डी एम एफ मद से प्रस्तावित 18 लाख रुपये में से 4 लाख रुपये अग्रिम निकालकर गबन कर लिया गया है। जिसको धारा 92 के कार्यवाही आदेश के बाद भी संबंधित विभाग को नहीं लौटाया गया है। अब चूंकि उनके द्वारा भाजपा जॉइन कर लिया गया है तो शायद अब उनके पाप धुल जाएं और उनको रिकवरी नहीं देना पड़े।
भाजपा में शामिल होने से क्या रुक जाएगी रिकवरी की कार्यवाही ?
अब देखना यह है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो गोविंद नारायण के लिए कितनी कारगर होती है। क्या अब उनके द्वारा भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी रिकवरी रुक जाएगी। क्योंकि एस डी एम कोरबा द्वारा उनको नोटिस जारी किया जा चुका है जिसमें गबन किये गए 4 लाख रुपये जमा करने का निर्देश है अन्यथा गोविंद नारायण को जेल हो जाने की कार्यवाही का उल्लेख है।
अगर भाजपा में शामिल होने के बाद गोविंद नारायण के ऊपर होने वाली कार्यवाही रुक जाती है तब तो ठीक है और अगर फिर भी रिकवरी की कार्यवाही हो जाती है तो गोविंद नारायण न घर के रहेंगे न घाट के।