कोरबा (आधार स्तंभ) : कोरबा-गेवरा में एसईसीएल गेवरा परियोजना के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों ने आज फिर हड़ताल कर उत्खनन कार्य को बाधित कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल प्रबंधन ने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।

ग्रामीणों की मांगें
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने आज सुबह 8 बजे से परियोजना में कार्यरत निजी कंपनी के दफ्तरों के चक्कर काटते रहे, लेकिन किसी प्रकार की सहायता नहीं की गई। ग्रामीणों की मांगें हैं:
- वैकल्पिक रोजगार: ग्रामीणों ने वैकल्पिक रोजगार की मांग की है, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।
- मुआवजा: ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग की है, जो कि उन्हें परियोजना के कारण हुए नुकसान के लिए दिया जाना चाहिए।
- प्रबंधन की जवाबदेही: ग्रामीणों ने प्रबंधन की जवाबदेही की मांग की है, जिससे वे अपनी मांगों को पूरा कर सकें।
हड़ताल के कारण
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने 8 दिन का समय लेने के बाद भी और 15 दिन का आश्वासन देने के बाद 20 दिन पूरे होने उपरांत किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। इससे ग्रामीण नाराज होकर हड़ताल के लिए मजबूरन उत्खनन कार्य को बाधित करते हुए आंदोलन करने बैठ गए हैं।
आंदोलन का नेतृत्व
ग्रामवासी नरईबोध निवासी दिनेश साहू, रमेश दास, दिलहरण चौहान, अश्वनी यादव, विजय दास, सचिन दास, वीरेंद्र भट्ट, चेतन केवट, मोहनलाल कौशिक के नेतृत्व में संघर्ष जारी है।
