जनजातीय समाज का गौरवपूर्ण इतिहास अनुकरण एवं प्रेरणाप्रद है – श्री रघुराज उइके 

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बरपाली(आधार स्तंभ) : शासकीय महाविद्यालय बरपाली में शासन के निर्देशानुरूप जनजातीय गौरव माह के अंतर्गत जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत,ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता, रानी दुर्गावती, भगवान बिरसा मुंडा एवं शहीद वीर नारायण सिंह के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना की स्तुति कर किया गया तत्पश्चात राजकीय गीत बबीता साहू के द्वारा प्रस्तुत किया गया उक्त कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सी.पी.नंद के संरक्षण एवं मार्गदर्शन तथा संयोजक प्रो. अरविंद खाखा एवं श्री डी.डी. महंत के संचालन और डॉ.ए.के. सिंह, डॉ.टी.एल मिर्झा के कुशल नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री रघुराज सिंह उइके मुख्य अतिथि श्रीमती सुमित्रा बाई बिंझवार सरपंच, विशिष्ट अतिथि डॉ.बी.एल साय के गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में राज्य युवा आयोग के पूर्व सदस्य श्री उइके जी ने अपने उद्बोधन में जनजातीय नायकों के नेतृत्व में चली विभिन्न आंदोलन एवं विद्रोह को सविस्तार वर्णन किया जिनमें प्रमुखता बिरसा मुंडा “उलगुलान” तिलका मांझी के नेतृत्व में लड़े दामिन संग्राम बुधु भगत, सीताराम राजू गुंजधर ,वीर नारायण सिंह, गेंद सिंह जैसे जनजाति नायकों के आंदोलन और अमर बलिदान को चिंतित करते हुए उनके त्याग और स्वाभिमान को महतीय एवं अनुकरणीय बताया

 

विशिष्ट अतिथि शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय कोरबा के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ.बी.एल.साय ने जनजातियों के सहज, सरल स्वभाव, प्रकृति से लगाव उनके आर्थिक सामाजिक स्थिति रीति-रिवाज के साथ-साथ भेदभाव रहित भाई चारों और एकता की मिसाल स्थापित करने वाले गौरवशाली इतिहास को समेटने वाले जनजातीय समाज को अपने परंपरा पर गर्व करने का संदेश दिया। कार्यक्रम में आर .आर.आर.फिल्म के गीत – कोमराम भी भीड़ो गीत का प्रसारण कर अमर बलिदानी कोमुराम भीड़ो के संघर्ष और आत्मोसर्ग की स्तुत्य भावना को हृदयांजलि दिया गया। अनंतर छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय लोकनृत्य- कर्मा, सुआ ,सरगुजिया की अनूठी प्रस्तुति से कार्यशाला में उपस्थित समूह रोमांचित हो उठा । समाजशास्त्र के प्रो.डी.के.चंद्रा ने धन्यवाद एवं आभार प्रदर्शन करते हुए उपस्थित अतिथियों एवं आयोजनकर्ताओं,छात्र/छात्राओं को सहयोग और समानता के महत्व को व्यक्त किया।

 

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो.एस. के.तामब्रे डॉ.राजलक्ष्मी सर्राफ, डॉ. विवेक मोहन अग्रवाल प्रो.लक्ष्मी साहू ,सुश्री आयुषी बड़गे,श्री आशीष वर्मा,सुश्री किरण ठाकुर, सुश्री कमला सिदार, श्री कोमलेश वैष्णव, सुचिता पाण्डेय,श्री एस.पी.पाटले,श्री बी.एन. बंजारे, श्रीमती ज्योति लहरे एवं समस्त छात्र/छात्राओं की सराहनीय भूमिका रही।

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