डॉ. चरणदास महंत ने फ़र्ज़ी प्रस्ताव को स्थगित करने हेतु मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

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रायपुर(आधार स्तंभ) :  छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य के जंगलों को कोयला खदान विस्तार व परसा ईस्ट केते बासन और परसा कोल ब्लाक के लिए काटने की अनुमति प्रदान की गई है। चुनाव खत्म होते ही अब हजारों की संख्या में पेड़ों की कटाई होगी जिसे रोकने के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। साथ ही कहा है कि कोल ब्लाक में खनन की वन संबंधी अनुमति फर्जी प्रस्ताव पर प्राप्त की गई है और ऐसी परिस्थिति में परसा कोल ब्लाक संबंधित सभी कार्यवाहियां स्थगित होनी चाहिए।

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नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि 26 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हसदेव क्षेत्र की जलग्रहण क्षमता, बायोडायवर्सिटी और मानव हाथी द्वंद के कारण क्षेत्र के सभी कोल ब्लाक आबंटन और खनन अनुमति रद्द करने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया था जिसे भाजपा ने भी पूर्ण समर्थन दिया। इसके बाद दिसंबर में भाजपा सरकार ने अपने शपथ ग्रहण से पहले ही राजस्थान-अडाणी की कोयला खदान के विस्तार और पेड़ कटाई की अनुमति दे दी।
डॉ. महंत ने बताया कि परसा कोल ब्लाक में वन अनुमति हासिल करने फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव का उपयोग किया गया जिसकी जांच उपरांत ब्लाक में खनन हेतु जारी सभी अनुमतियों पर रोक लगाने का आदेश छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा सरगुजा कलेक्टर को दिया गया है।

डॉ. महंत ने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग छग शासन के सचिव द्वारा सरगुजा संभाग के आयुक्त को परसा कोल ब्लाक का विरोध के संबंध में जारी आदेश से अवगत कराते हुए कहा है कि कोल ब्लाक से संबंधित सभी अनुमतियों को रद्द किया जाए। परसा ईस्ट केते बसन कोल माइन के और विस्तार की अनुमति ना दी जाए और यदि कोई पेड़ कटाई अनुमति जारी की गई है उसे रद्द किया जाए। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को अन्यत्र कोल ब्लाक लेने और कोल इंडिया के विस्तार परियोजनाओं से कोयला लेने की सलाह दी जाए।

0 कोल इंडिया से सप्लाई सुनिश्चित हो सकती है

डॉ. महंत ने अवगत कराया कि राजस्थान की कंपनी को कोल इंडिया से वैकल्पिक कोल सप्लाई सुनिश्चित की जा सकती है और वैकल्पिक कोल ब्लाक आबंटित हो सकता है। पूरे देश में 3.60 लाख मिलियन टन कोयला डिपाजिट है और उसमें से मात्र 5500 मिलियन टन हसदेव क्षेत्र में है। ऐसे में राजस्थान को मध्यप्रदेश राज्य से कम परिवहन लागत और कम समय में कोयला ब्लाक आबंटित किया जा सकता है।

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