अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निजी भू-स्वामी और वक्फ बोर्ड के जमीन विवाद में दिया था आदेश
कटघोरा(आधार स्तंभ) : कटघोरा में काबिज निजी जमीन के हिस्से को वक्फ बोर्ड की जमीन बताते हुए तहसीलदार के न्यायालय में लगाए गए आवेदन पर भू-स्वामी को अतिक्रमण हटाने के संबंध में जारी आदेश पर उच्च न्यायालय ने स्थगन लगा दिया है।
इस मामले में याचिकाकर्ता ज्योति त्रिवेदी के ससुर राम प्रकाश त्रिवेदी पिता राम गोपाल निवासी कटघोरा ने खसरा नं.673 रकबा नं.0032हे./0.08 एकड़ भूमि को विक्रेता सियाराम पिता बेचुराम जायसवाल निवासी कटघोरा से 23 सितंबर 1982 को क्रय कर उप-पंजीयक कार्यालय कटघोरा में विधिवत विक्रय रजिस्ट्री कराया था। उक्त भूमि 21 अगस्त 1982 को परिवर्तित पश्चात परिवर्तित भूमि का राम प्रकाश त्रिवेदी के द्वारा विधिवत पंजीयन कराया गया। रजिस्ट्री कराते समय इस बात का स्पष्ट उल्लेख रहा कि ज़मीन मौके पर गड्ढे पर है और आज भी ज्योति त्रिवेदी के जमीन पर बने मकान से गड्ढा लगा है। क्रेता राम प्रकाश त्रिवेदी के मृत्यु उपरांत पुत्र सुनील त्रिवेदी के नाम पर राजस्व अभिलेख में भूमि दर्ज है और वारिस काबिज हैं। रिक्त भूमि पर ज्योति त्रिवेदी द्वारा गड्ढे में भरे पानी को निकालवाकर मिट्टी पटाई का काम अपने भूमि पर कराने व मकान निर्माण कार्य पर इसे हटाने के लिए सैय्यद उस्मान अली, अध्यक्ष पुरानी जामा मस्जिद कटघोरा द्वारा तहसीलदार के समक्ष आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 250 (3) छ.ग. भू राजस्व संहिता के तहत प्रस्तुत किया गया। उस्मान अली ने जामा मस्जिद कटघोरा की जमीन और वक्फ बोर्ड का कब्जा होना बताया। वक्फ बोर्ड की जमीन पर अतिक्रमण होना बताकर दायर आवेदन पर तहसीलदार के द्वारा 19 दिसंबर 2023 को आदेश पारित कर ज्योति त्रिवेदी के द्वारा लगाए गए टिन शेड व कब्जा को हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया गया।
इससे क्षुब्ध होकर ज्योति त्रिवेदी एवं सुनील त्रिवेदी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका प्रस्तुत कर तहसीलदार कटघोरा द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी। अधिवक्ता सुरेश कुमार शर्मा ने अपना पक्ष मजबूती से रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने और दस्तावेजों के अवलोकन उपरांत तहसीलदार द्वारा पारित आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राकेश मोहन पाण्डेय ने पारित आदेश में कहा है कि वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार प्रतिवादी तहसीलदार के पास इस तरह के विवाद पर विचार करने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है। हालांकि, ट्रिब्यूनल के पास अकेले अधिकार है इसलिए तहसीलदार द्वारा पारित आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर है। किए गए विवाद पर विचार करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है इसलिए तहसीलदार कटघोरा द्वारा 19 दिसंबर 2023 को पारित आदेश और प्रभाव के संचालन पर रोक रहेगी। प्रस्तुत याचिका में राजस्व विभाग के सचिव जिला कलेक्टर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटघोरा, तहसीलदार कटघोरा, वक्फ बोर्ड सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है।