नई दिल्ली। लंबे समय से टलती आ रही जनगणना और बहुप्रतीक्षित जातीय गणना की प्रक्रिया अब आखिरकार औपचारिक रूप से शुरू होने जा रही है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि जातिगत आधार पर जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी, जिसमें पहली बार देश की जातीय संरचना का पूरा डेटा इकट्ठा किया जाएगा।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जिसमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे चार पहाड़ी राज्यों में जनगणना की जाएगी। वहीं दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से शेष भारत में शुरू होगा।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस बार सामान्य जनसंख्या गणना के साथ-साथ जातिगत आंकड़े भी इकट्ठा किए जाएंगे। माना जा रहा है कि इस कदम से नीतियों और योजनाओं के निर्माण में सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा।
सूत्रों के अनुसार, इससे संबंधित आधिकारिक अधिसूचना 16 जून 2025 को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद राज्य सरकारों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक साबित हो सकता है, क्योंकि इससे पहली बार देश की जातीय स्थिति का दस्तावेजीकरण होगा