कोरबा-पाली(आधार स्तंभ) : कोरबा जिले के पाली ब्लाक अंतर्गत करतली पंचायत में अंबिका परियोजना प्रारंभ नहीं हो सकी है। इसे आज सोमवार को प्रारंभ करने के लिए प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। मसलों और मुद्दों को लेकर जारी विरोध का सिलसिला अभी रात में भी चल रहा है। इस बीच दोपहर 3 बजे राज्य निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों और पंचायत के चुनाव के घोषणा कर दी। इसके साथ ही प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता लगने के कारण अब किसी भी तरह का नया कार्य, भूमि पूजन, उद्घाटन, शुभारंभ पर प्रतिबंध लग गया है। इसके बावजूद बताया जा रहा है कि प्रबंधन और प्रशासन के लोग भूमि पूजन कर खदान को प्रारंभ करने पर अड़े हुए हैं। इसे लेकर गांव में गतिरोध और तनाव का माहौल समाचार लिखे जाने तक जारी है।
अंबिका परियोजना को लेकर ग्रामीण और प्रशासन फिर आमने-सामने आ गए हैं। आज सुबह जब प्रशासन की टीम सदल बल अंबिका परियोजना के प्रस्तावित स्थल पर पहुंची और आचार संहिता के मद्देनजर सुबह भूमि पूजन करना चाह रही थी कि इसकी भनक लगते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और इसका विरोध किया। उनका कहना है कि पहले मुआवजा, रोजगार, पुनर्वास आदि अन्य सभी उनकी जो मांगे हैं उसे पूर्ण किया जाए इसके बाद ही खदान का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि हम खदान का विरोध नहीं करते हैं लेकिन अन्य खदानों में भू प्रभावितों ग्रामीण की स्थिति को देखते हुए हमारी मांग है कि पहले उन सभी बिंदुओं पर सकारात्मक चर्चा और कार्रवाई हो। मौके पर पहुंची एसडीएम सीमा पात्रे, तहसीलदार सूर्यकांत अंबिका परियोजना के प्रबंधक एसईसीएल अधिकारी बीके सिंह, श्री ठाकुर नोडल अधिकारी, थाना प्रभारी पाली, कटघोरा आदि अन्य लोग ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इसके बाद प्रशासनिक अमला धीरे-धीरे वापस जाने लगा लेकिन देर शाम पुनः मौके पर पहुंचकर एसडीएम और अधिकारियों ने मौके पर भूमि पूजन केआ उपक्रम किया। इसकी भनक ग्रामीणों को लग गई और रात्रि में बड़ी संख्या में ग्रामीण भूमि पूजन स्थल पर एकत्रित होकर विरोध जता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है की भूमि पूजन जैसा कार्य रात के अंधेरे में करने में जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है?