कोरबा-पोड़ी उपरोड़ा (आधार स्तंभ ) : भ्रष्ट्र मानसिकता वाले सरपंच गरीब परिवारों के पक्के आशियाने के लिए जारी राशि को भी हड़पने में हिचकिचाते नही। ऐसा ही एक मामला जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक अंतर्गत सामने आया है, जहां पंचायत सरपंच ने विशेष संरक्षित जनजाति एक परिवार के खाते में आए प्रथम क़िस्त की राशि आहरण कराकर डकार ली। अब आदिवासी दंपति अपने आशियाने का राशि पाने सरपंच का चक्कर लगा रहे है।
पोड़ी उपरोड़ा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मानिकपुर के आश्रित तिलधरा पंडोपारा में विशेष संरक्षित पंडो जनजाति से जुड़े फूलबाई पंडो पति धनसाय पंडो के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ और पक्का मकान निर्माण के लिए प्रथम क़िस्त की राशि 40 हजार उनके खाते में आयी। जिसकी जानकारी ग्राम के सरपंच मनोहर सिंह को होने पर उसने आदिवासी परिवार के अशिक्षा व जानकारी के अभाव का फायदा उठाते हुए इन्हें गुरसिया स्थित लोक सेवा केंद्र ले जाकर उक्त राशि प्राप्त कर अपने पास रख लिया और उन्हें खाली हाथ वापस घर भेज दिया। इस दंपति ने जब पता किया तब उन्हें सरपंच द्वारा पैसा हड़पने की जानकारी हुई। बुजुर्ग दंपति ने सरपंच से आवास निर्माण की राशि का मांग किया तब सरपंच ने बतौर कमीशन के रूप में जनपद अधिकारियों को देने की बात कही, वहीं जनपद पंचायत कार्यालय पहुँचकर इस मामले से अधिकारियों को अवगत कराया तो संबंधितों ने इसे गंभीरता से नही लिया है।
अब उनके सामने चिंता इस बात की है कि आखिर बिना राशि उनके आवास का निर्माण कैसे प्रारंभ होगा। सरकार द्वारा पक्का मकान निर्माण के लिए गरीब हितग्राहियों को 1 लाख 20 हजार रुपए की अनुग्रह राशि उपलब्ध कराई जा रही है, किन्तु भ्रष्ट्र आचरण वाले सरपंच उन राशि मे भी अपना निजी स्वार्थ सिद्धि साधने में लगे है तथा महत्वकांक्षी इस योजना में ग्रहण का कार्य कर रहे है। ऐसे में संबंधित अधिकारियों के सफल क्रियान्वयन की ओर ध्यान न दिए जाने के कारण इस योजना की राशि भी कमीशनखोरी व भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ रही है। जब इस बात की जानकारी आसपास जागरूक लोगों को होने पर सरपंच द्वारा अपने बचाव में यह कहते फिर रहा है कि हितग्राही को आवास निर्माण के संबंध पर जानकारी नही होने से उनके द्वारा निर्माण कार्य के लिए मुझे नियुक्त किया है तथा राशि निकालकर दी है। राशि हड़पने की बात गलत है, वहीं पंडो परिवार मामले में न्याय चाहते है।