मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे आयुर्वेदिक चिकित्सक, अवैध क्लीनिक का संचालन, जांच के नाम खानापूर्ति !

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कोरबा(आधार स्तंभ) :  चिकित्सा व्यवसाय एक अति संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण कार्य है जिसका संचालक जिम्मेदारी पूर्वक करना होता है। जिले में ईलाज के नाम पर गलत उपचार के कई मामले प्रकाश में आ चुके है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को गैर मान्यता प्राप्त क्लिनिक अथवा प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

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ताज़ा मामला खण्ड चिकित्सा अधिकारी करतला अंतर्गत ग्राम इमलीभांठा (सरगबुंदिया) का है जहां सुरुचि क्लीनिक नाम का एक उपचार केंद्र चलाया जाता हैं। यहां के डॉक्टर प्रदीप सिंह कश्यप बीएएमएस (आयुर्वेद) की डिग्री लेकर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति से उपचार करते है। बताया जाता है कि प्रदीप सिंह कश्यप एक मकान में निजी क्लीनिक का संचालक करते है जिसमें 10 से ज्यादा स्टाफ भी कार्यरत है।

 मामला पहुंचा BMO के पास, मांगा रिपोर्ट

अवैध रूप से क्लीनिक संचालक का मामला करतला के खण्ड चिकित्सा अधिकारी पहुंचा जहां से डॉ.प्रदीप सिंह कश्यप को आवश्यक दस्तावेज एवं लायसेंस संबंधित दस्तावेज मांगे गए थे जिसका जवाब देने ने सक्षम नहीं रहे और कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है।

 उच्च अधिकारियों के निर्देश पर होगी कार्यवाही : BMO

मामले में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि सिंह ने बताया कि डॉ प्रदीप सिंह कश्यप आयुर्वेदिक चिकित्सक है उन्हें एलोपैथिक उपचार का अधिकार नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित कर उच्च अधिकारियों से प्राप्त निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

 

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