बैंक कर्मचारी की मिलीभगत भी उजागर
बिलासपुर (आधार स्तम्भ) । पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद छत्तीसगढ़ में सट्टे का कारोबार कितना फल-फूल रहा है, इसका खुलासा बिलासपुर पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले से होता है, जिसमे सटोरियों ने युवाओं को झांसा देकर उनके खाते खुलवाए और उसमें से 50 करोड़ का लेनदेन कर डाला। इसकी जानकारी मिलने पर छात्रों ने पुलिस की शरण ली है।
ट्रेडिंग के कारोबार से लाभ कमाने का झांसा देकर सटोरियों ने कॉलेज के छात्रों से एक फर्जी कंपनी के नाम पर खाता खुलवाया। साल भर के भीतर इनके खातों से 50 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हो गया। इस बीच आयकर विभाग द्वारा जांच किये जाने की जानकारी मिलने पर मामले का खुलासा हुआ तो छात्रों ने तारबाहर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सट्टेबाजों और ICICI बैंक के एक कर्मचारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
इस तरह झांसे में लिया सटोरियों ने
विद्यानगर, बिलासपुर का रहने वाला अभय सिंह राठौर (22 वर्ष) बी कॉम फाइनल ईयर का छात्र है। अभय ने TRP न्यूज़ को बताया कि उसका परिचय एक साल पहले अपने दोस्त के जरिये सार्थक बैसवाड़े और गौरव चौधरी से हुआ था। दोनों ने कहा कि वे ट्रेडिंग कंपनी के जरिये सर्वे करते हैं। कंपनी में ट्रेडिंग के लिए उन्हें बैंक खाते की जरुरत पड़ती है, अगर वे अपने खाते खुलवाकर देंगे तो उन्हें कुछ पैसे मिलेंगे। गौरव चौधरी व सार्थक बोले कि व्यापार विहार स्थित ICICI बैंक के स्टाफ जय दुबे को फोन कर दूंगा जो मेरा दोस्त है, वह सब काम कर देगा। जिस पर भरोसा करते हुए अभय और उसके दोस्त क्षितिज भारद्वाज व्यापर विहार स्थित ICICI बैंक में गए, जहां बैंक कर्मी जय दुबे उन्हें मिला, जिसने सभी दस्तावेज लेकर उनका खाता खोला। इन खातों के एवज में दोनों युवकों को कुछ हजार रूपये मिले।
सर्वे के नाम पर दोस्तों का भी खुलवाया खाता
सार्थक बैसवाड़े और गौरव चौधरी द्वारा सर्वे का जो काम दिया गया, वह कुछ और नहीं बल्कि लोगों के खाते खुलवाने का काम था। अभय सिंह ने TRP संवाददाता को बताया कि सार्थक और गौरव उन्हें कहते थे कि वे सर्वे करें,और लोगों का खता बनवाकर देंगे तो उन्हें और खातेदारों को भी पैसे देंगे। इससे लालच में आकर दोनों दोस्तों ने अपने सहपाठियों चंदन दास, अनितकेत शर्मा, रितिक कुशवाहा, करन चद्रवंशी, शीतल दास, लवी राज, व अन्य 6-7 लोगों की सार्थक और गौरव चौधरी की बात बताई और सभी तैयार हो गए थे।
कुल 15 खाते खुलवाकर दिए, फिर…
अक्षय और सभी दोस्त ICICI बैंक गए और वहां के स्टाफ जय दुबे के माध्यम से खाता खुलवाये। जय दुबे बारी-बारी से सभी से अलग-अलग समय पर हस्ताक्षर करवाया, फिर हमारे मोबाईल नंबर पर ओटीपी आया और गौरव ने वो ओटीपी हमसे मांगा और जय को बताया। इस प्रकारICICI का जय दुबे, गौरव चौधरी, सार्थक भैंसवाड़े ने हमें धोखे में रखकर हमारे नाम से फर्जी कंपनी के नाम पर खाता बनावाया। इन खातों को दोनों ने अपने पास रख लिया और सभी को कमीशन के रूप में 4- 5 हजार रूपये दिए। साथ ही यह भी कहा कि कुछ दिनों बाद सभी के खाते बंद हो जायेंगे, मगर ऐसा हुआ नहीं और उनके खातों में लेन-देन होता रहा।
साल भर बाद खुला राज
अभय सिंह ने बताया कि साल भर बाद ICICI बैंक कर्मी जय दुबे ने उसे फोन करके बताया कि उनके खातों में बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है और इसका आयकर विभाग को पता चल गया है। आयकर और पुलिस द्वारा इसकी जांच की जा रही है। यह सुनकर अभय और उसके दोस्तों के हाथ-पैर फूल गए। इन सभी में बैंक जाकर पता लगाया तो जानकारी मिली कि उनके कुल 15 खातों में लगभग 50 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है। यह भी पता चला कि उनके खातों का इस्तेमाल सट्टे के कारोबार के लिए हो रहा है और सार्थक तथा गौरव सट्टे का ही कारोबार करते हैं।
टैक्स जमा करने 5 लाख रूपये भी दिए
खाते में भारी-भरकम ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलने पर अभय ने गौरव से फोन करके बताया कि हमारे खातों में ज्यादा रकम का लेनदेन होने से टैक्स लगेगा, तुमने हमारा कौन सा खाता खुलवाया है और हमे झूठ बोलकर क्यो फंसाया है। तब गौरव ने कहा कि मैं तेरी मदद करुंगा और फिर उसने हमारे परिचित अनुराग खुटे और चिरजिवी राज पोर्ते के खाते में टैक्स के रूप में लगने वाला रकम कुल 5 लाख रूपये भेज दिया।
सटोरियों और बैंक कर्मी की हो रही है तलाश
अभय और उसके दोस्तों को समझ आ ही गया था कि वे धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। बात और न बढे इससे पहले ही वे सभी तारबाहर थाने गए और सारी कहानी बयां करते हुए कहा कि सार्थक, गौरव और ICICI बैंक के जय दुबे ने मिलकर हमें जान बूझकर झूठ बोलकर हमारे नाम से खाता खुलवाया और उसमें हमारा मोबाईल नंबर भी नहीं डाला और टैक्स भी नही पटाया है। इस प्रकार हमारे साथ धोखा किया गया है। इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 34, 420 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है। पता चला है कि सार्थक बैसवाड़े रतनपुर और गौरव चौधरी कोनी का रहने वाला है। फिलहाल तीनो की तलाश पुलिस कर रही है।
ऐसी घटनाओं से सबक लेने की है जरुरत
बता दें कि सट्टा का गढ़ माने जाने वाले भिलाई में भी पूर्व में इसी तरह का खुलासा हुआ था, जहां सटोरियों द्वारा लोगों को झांसे में लेकर उनके खाते खुलवाए गए और उनमे करोड़ों का ट्रांजेक्शन करवाया गया। बाद में लोगों को इसकी जानकारी हुई। वैसे असल जांच करने वाली चीज यह है कि सटोरियों द्वारा अब भी कितने लोगो का खाता अपने अवैध कारोबार के लिए संचालित किया जा रहा है। वहीं इस घटना से यह सीख भी मिलती है कि अपने बैंक खातों और उससे संबंधित जानकारी किसी को भी शेयर न करें। यह नुकसानदायक हो सकता है।