गजराजों की लगातार उपस्थिति से उपार्जनों केन्द्रों में रखी धान को नुकसान होने का डरगजराजों की लगातार उपस्थिति से उपार्जनों केन्द्रों में रखी धान को नुकसान होने का डर

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कोरबा (आधार स्तंभ) :  जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से हाथी प्रभावित क्षेत्रों में स्थित उपार्जन केंद्रों से धान के उठाव को प्राथमिकता देने कहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उठाव तो हो रहा है पर वह नाकाफी है। इधर उपार्जन केंद्रों के आसपास घूम रहे हाथियों से खतरा मंडरा रहा है। कोरबा और करतला ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र श्यांग, बरपाली, चचिया, चिर्रा, कुदमुरा, रामपुर जैसे उपार्जन केंद्र हाथी प्रभावित है। बुधवार की रात चचिया केंद्र में हाथी घुस गया था। इससे कर्मचारी दहशत में रहे। हाथी ने तीन बोरी धान को खाने के बाद कुछ बोरियों को नुकसान भी पहुंचाया। इस केंद्र में पहले भी हाथी नुकसान पहुंचा चुके हैं लेकिन उठाव नहीं हो पा रहा है। हाथी प्रभावित क्षेत्र में संचालित उपार्जन केंद्र के कर्मचारी उठाव नहीं होने से काफी चिंतित हैं। कभी भी हाथी केंद्र में पहुंचकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। मिलर्स के द्वारा धान उठाव शुरू कर दिया गया है लेकिन उठाव की रफ्तार धीमी है। उपार्जन केंद्रों में 90 हजार क्विंटल ही धान का उठाव हुआ है जबकि खरीदी 6 लाख क्विंटल से अधिक हो चुकी है। केंद्रों में 5 लाख क्विंटल से ज्यादा का धान जाम है।उठाव की रफ्तार धीमी होने से जिन उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट पार हो चुका है वहां अब धान रखने में समस्या आ रही है।

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केंद्रों में होने लगी भरपूर आवक

इधर उठाव कम हो रहा है तो आवक बढ़ गई है। धान खरीदी शुरू हुए अब एक माह हो गए हैं। लगभग किसान अपनी फसल समेट चुके हैं और बिक्री करने होड़ लगी है। इसके चलते उपार्जन केंद्रों में धान की भरपूर आवक हो रही है। ऐसे में उठाव की रफ्तार भी बढ़ानी होगी।

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