कोरबा(आधार स्तंभ) : प्रदेश में ओबीसी परिवारों का संपूर्ण सर्वे शुरू कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग का सामाजिक एवं आर्थिक सर्वे कराया जा रहा है। BLO के माध्यम से OBC परिवार के लोगों की शिक्षा से लेकर उनके धर्म, जाति, भाषा, मतदाता सूची में नाम होने, दिव्यांगता, वैवाहिक स्थिति, स्कूल छोड़ने की वजह, अशिक्षा का कारण, रोजगार, नौकरी, व्यवसाय, आरक्षण का लाभ, जाति प्रमाण पत्र, राजनीतिक स्थिति पता करने के साथ-साथ पारिवारिक और घरेलू विवरण में जमीन, जायदाद, पशुधन, चल-अचल संपत्ति, राशन कार्ड, आवास, पेयजल, रसोई, विद्युत, शौचालय, वाहन तक की तमाम जानकारियां एकत्र करना है।
अभी यह कार्य हो रहा
चूंकि इन दिनों भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर BLO द्वारा मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य किया जा रहा है। घर-घर जाकर मतदाताओं के उपस्थित रहने संबंधी सत्यापन करने के साथ-साथ मोबाइल पर ही जानकारी भरा जाना है। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, आवश्यकता अनुसार मतदाताओं के नाम विलोपन तथा खराब अथवा त्रुटिपूर्ण फोटो बदलने का भी काम हो रहा है। हाउस-टू – हाउस वेरिफिकेशन का काम मोबाइल पर ही बीएलओ एप के जरिए 10 अक्टूबर तक शत प्रतिशत पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है।
यह बताई जा रहीं व्यवहारिक दिक्कतें
सभी बीएलओ जो विभिन्न विभागों के कर्मचारी होते हैं, उन्हें अपने मूल विभागीय दायित्व का निर्वहन करते हुए उस समय अवधि के बाद इन दोनों कार्य को साथ-साथ करने का निर्देश दिया गया है। जब बीएलओ मतदाता के घर जाएगा तो OBC परिवार का भी सर्वे करेगा। इस निर्देश को लेकर अनेक तरह की व्यावहारिक दिक्कतें BLO बता रहे हैं। इनका कहना है कि किसी की छुट्टी दोपहर 3:30 बजे तो किसी की कार्य अवधि शाम को 4 से 5 बजे के बीच खत्म होती है। उनका निवास, कार्यस्थल की दूरी और फिर BLO का कार्य करने हेतु संबंधित क्षेत्र की दूरी में काफी अंतर है। अनेक लोगों का मतदान क्षेत्र काफी दूर है जाने-आने में ही वक्त लग जाता है और ऐसे में काम करते-करते शाम हो जाएगी है। महिलाओं के साथ काफी दिक्कतें हैं, पुरुष कर्मी भी कम परेशान नहीं है। इस बीच तीजा आदि त्योहार भी हैं। BLO का काम तो जैसे-तैसे 10 अक्टूबर तक पूरा कर लेंगे लेकिन इस पर जो ओबीसी सर्वे का काम सौंपा गया है, वह और भी तकलीफदेह हो रहा है। यदि परिवार में सही जानकारी देने वाला मुखिया नहीं मिला तो सर्वे के लिए दुबारा जाना होगा।
यह मांग की जा रही है
मंगलवार को सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विद्युत गृह स्कूल में कोरबा विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ को तलब कर उन्हें ओबीसी सर्वे का प्रारूप सौंपा गया। चार पन्नों के इस प्रारूप में कुल 53 बिंदुओं पर प्रत्येक ओबीसी परिवार के मुखिया से लेकर हर सदस्य की जानकारी कैसे भरना है यह बताया गया। उपस्थित विभिन्न विभागों के कर्मचारी BLO का कहना है कि काम तो सही है, कर भी लेंगे लेकिन इसके लिए उन्हें समय देने की आवश्यकता है। विभागीय कार्य से पृथक रखने की जरूरत है क्योंकि एक घर में डाटा भरने में काम से कम 20 से 25 मिनट का वक्त लग सकता है। कई परिवार संयुक्त और बड़ा होने से वहां ज्यादा वक्त लगेगा। 30 सितंबर तक इस सर्वे को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। हाउस-टू- हाउस सर्वे के कार्य को भी समय सीमा में पूरा करना है और अपने विभाग का भी काम करना है तो यह तीनों जिम्मेदारियां एक साथ सीमित समय में पूरा कर पाना किसी सूरत में संभव नहीं दिख रहा। कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह से वे काफी मानसिक-शारीरिक तनाव व दबाव के दौर से गुजरेंगे। मजबूरी और परेशानियों को समझने के लिए अधिकारी तैयार नहीं हैं,निर्देश का हवाला दे रहे हैं। हालांकि इस संबंध में शीर्ष अधिकारी यह तर्क जरूर दे रहे हैं कि अतिरिक्त कार्य का मानदेय मिलता है और संबंधित कर्मचारियों का कहना है कि उक्त कार्य के लिए उन्हें मूल कार्य से पृथक रखा जाय ताकि मूल कार्यावधि में इस सर्वे को पूरा कर लें,तब कुछ अतिरिक्त समय भी दे सकेंगे।