क्या जान लेकर ही मानेगा SECL..? जान बचाने घर से बाहर निकल जाते हैं लोग। हैवी ब्लास्टिंग से घरों में गिर रहा पत्थर, आक्रोशित ग्रामीणों ने रोका कार्य,

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कोरबा-गेवरा(आधार स्तंभ) :  साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एसईसीएल गेवरा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत अमगांव, दर्राखांचा, जोकही डबरी के नाराज व आक्रोशित ग्रामीणों में अपनी संपूर्ण समस्याओं का निराकरण तथा हैवी ब्लास्टिंग से ग्रामीणों के घरों पर पत्थरों, बोल्डर के गिरने से मकान क्षतिग्रस्त कर टूट फूट होने से नाराजगी है। ब्लास्टिंग के समय ग्रामीणों में दहशत का माहौल रहता है। अपने ही घरों से अपनी और खुद के परिवार की सुरक्षा के लिए घर से बाहर निकल जाते हैं।

इन सब विषयों को लेकर एसईसीएल प्रबंधन और डीजीएमएस को पत्र व्यवहार कई मर्तबा कर चुके हैं तथा ब्लास्टिंग को लेकर खदान को बाधित भी कर चुके हैं लेकिन अपनी हरकतों से एसईसीएल प्रबंधन बाज नहीं आ रही है। ब्लास्टिंग के कारण घर में ग्रामीण दहशत के साथ रह रहे हैं। घर की सीट, अल्बेस्टर सीट, खपरैल सब टूट रहे हैं। ग्रामीणों में काफी आक्रोश उत्पन्न हो गया है।

आज ग्रामीणों ने अमगांव फेस के ब्लास्टिंग को पूरी तरह ठप्प कर दिये। प्रबंधन की ओर से वार्ता के लिए अभी तक कोई नहीं आया है बल्कि कलिंगा कंपनी के जीएम विकास दुबे ने ग्रामीणों के साथ वार्ता तो किया लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि हमारी लड़ाई एसईसीएल प्रबंधन के साथ है, बात उसी से ही होगा समस्या का समाधान एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को ही करना है ।

बता दे की अमगांव पंचायत में अख्तीबाई बुजुर्ग महिला अपने परिवार के साथ दोपहर के समय घर में थी और उनके घर लगभग खदान से महज 10 मीटर के अंतराल में ही दोपहर के समय इतना जबरदस्त ब्लास्टिंग प्रबंधन के द्वारा कराया गया कि ब्लास्टिंग के पत्थरों का बोल्डर उनके घर में जा गिरा। उनकी जान बाल-बाल बची और उनके घर की घटना को देखकर ग्रामीणों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। जिसको लेकर आज खदान के ब्लास्टिंग को बंद करा दिया गया। अभी भी समाचार लिखे जाने तक खदान की ब्लास्टिंग पूरी तरह बंद है व ग्रामीण वहां डटे हुए हैं। 6 महीना समय देने और पूरी व्यवस्थाओं के होने के बाद गांव खाली करेंगे,ऐसा अमगांव पंचायत के ग्रामीणों का कहना है।

उल्लेखनीय है कि डीजीएमएस के निर्देश का यहां ब्लास्टिंग के मामले में खुला उल्लंघन हो रहा है। आबादी क्षेत्र से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर ही खदान संचालित करने और ब्लास्टिंग की अनुमति दी गई है लेकिन इसका कोई पालन होता यहां नहीं दिख रहा है। डीजीएमएस की टीम को इस क्षेत्र में दौरा करने की जरूरत है वरना आए दिन किसी के साथ घटना दुर्घटना होने का डर हमेशा बना रहेगा।

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