रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के हालिया फैसले से प्रदेश के फार्मेसी छात्र-छात्राओं और पंजीकृत फार्मासिस्टों में नाराजगी फैल गई है। काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण शुल्क में लगभग तीन गुना तक की बढ़ोतरी कर दी है। इसके साथ ही सदस्यों और अध्यक्ष के भत्तों में भी दो गुना वृद्धि की गई है।
क्या है नया शुल्क ढांचा?
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पूर्व शुल्क:
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रजिस्ट्रेशन (5 वर्ष): ₹2650
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रिन्युअल (बिना फाइन): ₹1829
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रिन्युअल (फाइन सहित): ₹2429
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नया शुल्क:
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रजिस्ट्रेशन (छत्तीसगढ़ के छात्र): ₹8319
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रजिस्ट्रेशन (बाहर के छात्र): ₹11859
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उठाई गई आपत्ति:
काउंसिल के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता और भगतराम वर्मा ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे “बहुमत का दुरुपयोग” बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 8 मई को हुई काउंसिल की आमसभा में यह निर्णय जल्दबाज़ी में और बिना उचित चर्चा के लिया गया।
स्वास्थ्य मंत्री को पत्र:
डॉ. गुप्ता और वर्मा ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल को पत्र लिखकर इस निर्णय को वापस लेने और शुल्क में कटौती का आदेश देने की मांग की है।
छात्रों में नाराजगी:
फीस में अचानक इतनी भारी वृद्धि से फार्मेसी के छात्र-छात्राओं में रोष है। छात्रों का कहना है कि पहले से ही बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहे युवाओं पर यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ है।